न साज न कोई आवाज चाहिए
दोस्तों हमें तेरा गर्म जज्बात चाहिए।
हम हिला के रख देंगे जड़ हुई चूलों को
हमें सिर्फ मूक बधिरों की बारात चाहिए।
यह मानकर चले हैं कि अंधे बहरे हैं वो
असर करे जो वह आगाज चाहिए।
मालूम है, पकड़ी है जमीन जोर से उसने
उखाड़ सके जो बरगद वह फौलाद चाहिए।
सनद रहे कि दिल में अंगार पालने होंगे
पचा सके जोे हलाहल, शख्सियत विराट चाहिए।
दावा नहीं कि बदल देंगे हम जमाने को
खुद को बदल सके जो ऐसी पक्की बात चाहिए।
- बिपिन बादल
2 टिप्पणियां:
बहुत ही हिम्मत वाली बात करी है .....आमीन बहुत ही सुन्दर
असर करे जो वह आगाज चाहिए।
बहुत सुन्दर --- आगाज तो हो चुका
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