बुधवार, 12 अगस्त 2009

क्या कहते हैं ये कार्यक्रम

टेलिविजन चैनलों पर कुछ रिएल्टी कार्यक्रम अभी सर्वाधिक चर्चा और विवादों का विषय रहे हैं। इनमें कामसूत्र को थीम बनाकर डाॅस कार्यक्रम से लेकर एमटीवी पर हाल ही खत्म हुआ वह कार्यक्रम भी शामिल है ंिजसमें निर्देशक और प्रोड्यूसर को ’खुश’ करके ही सफलता प्राप्त करने का आरोप प्रतियोगियों ने लगाया है। तथापि अभी सर्वाधिक चर्चा में स्टार प्लस पर दिखाया जानेवाला ’सच का सामना’ सोनी पर प्रसारित होनवाला ’इस जंगल से मुझे बचाओ’ तथा 2 अगस्त को सम्पन्न डा एनडीटीवी ईमाजिन का बहुचर्चित ’राखी का स्वयम्बर’ शामिल है। इन रिएल्टी शो की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि अपने आगामी एपिसोड की कुछ बातों ाके मीडिया में जान बूझकर लीक कर चैनल प्रबंधन न सिर्फ इन्हें चर्चा में ला देते है बल्कि टेलिविजन रेटिंग प्वाइन्ट (टी आर पी) के अनबुझे खेल में शामिल हो अपने लिए अच्छे कमाई का जुगाड़ भी बना लेते हैं।
सच का सामनाः इस कार्यक्रम के प्रसारण से ही पहले ही पूर्व क्रिकेटर सचिन टेंडुलकर के बाल सखा विनोद कांबली के साक्षात्कार का वह अंश मीडिया की सूर्खियांे में छा गया जिसमें कथित तौर पर कांबली ने अपने बुरे दौर में सहयोग नहीं करने का आरोप सचिन पर लगाया था। यद्यपि कार्यक्रम देखने पर यह स्पष्ट हो गया कि पूरा प्रसंग उस तरह नहीं था जिस तरह मसाला लगाकर मीडिया में इसे उछााला था। इस कार्यक्रम में सेक्स आधारित प्रश्न पूछकर लोकप्रियता और कामयाबी का घटिया फार्मूला अपनाया गया है। मसलन किसी महिला से यह पूछना कि यदि उनके पति को जानकारी न हो तो क्या वह किसी पुरूष से सेक्स कर सकती हैं यह किसी पुरूष से यह पूछना कि क्या उन्होंने अपनी बेटी की उम्र के किसी लड़की से सम्बन्ध बनाया है या किसी करीबी रिश्तेदार से सेक्स किया है? बाद में एक कार्यक्रम में वह सज्जन बहुत गर्व से बता रहे थे अपनी जीवन की जिस सच्चाई को उन्होंने कुछ भी गलत नहीं था। सवाल उठता है कि यदि इसी तरह का खुलासा उनकी पत्नि या बेटी अपने बारे में उनकी उनस्थिति में टीवी पर करती तो क्या वे इतना ही गौरवन्वित महसूस करते? यह सवाल इसलिए भी प्रासंगिक है कि इस कार्यक्रम का संचालन कर रहे राजीव खंडेंलवाल की माँ ने भी इस कार्यक्रम की आलोचना करते हुए इसमें पूछे जानेवाले सवालों का अमर्यादित और शर्मनाक कहा है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी स्पष्ट कहा है कि अपने बेटे और पति की उपस्थिति में वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी? सवाल उठता है कि जो चैनल, प्रोड्यूसर और संचालक इस कार्यक्रम को ’मसालेदार’ बनाये जाने के लिए तमाम नुस्खा अपनाते हैं, वे अपने पारिवारिक सदस्यों को इसमें क्यों नहीं बुलाते? इसमें उन चैनलों के मालिकों को भी बुलाया जाना चाहिये जो इस तरह के भौंडे कार्यक्रम का समर्थन करते है। ऐसे होने पर मीडिया जगत का वह कुलषित, कलंकित, और स्याह चेहरा सामने आ सकता है जिससे पता चल सके कि अपनी पीठ थपथपानेवाले मीडिया का अपना का चेहरा कितना घृणित हैै। एक इसके साथ ही एक दूसरा तथ्य यह भी है कि जिस पाॅग्रिाफिक टेस्ट के नाम पर यह कार्यक्रम चर्चा का विषय बना है वह टेस्ट ही अपनी प्रामाणिकता को लेकर संदेह के घेरे में है।
मुझे इस जंगल से बचाओ: सोनी पर प्रसारित होनेवाले इस रिएल्टी शो को भी प्रसारण से पहले ही मीडिया में सूर्खियां मिलनी शुरू हो गई थी। कार्यक्रम के बीच में भी कई खबरें ’लीक’ करके इसे लगातार चर्चा में बनाये रखने का हथकंडा लगातार अपनाया जाता रहा है। रिएल्टी के नाम पर अंग प्रदर्शन, अमर्यादित भाषा आदि का बखूबी इस्तेमाल किया गया है। हाफ पैंट मं जंगल में रहने वाली प्रतियोगी विकनी पहनकर कैमरे के सामने नहाती ’जंगल क्वीन्स,’ जो टीवी जगत की अदा कराएं हैं, टीवी के सामने ’प्रायोजित’ नोक-झोंक और अशालीन बातचीत पर ही सारा ध्यान लोागों ने लगा रखा है। उनके खान-पान की जो स्थिति दिखाई गई है वह भी प्रतियोगियों के जंगल प्रवास की दुश्वारियां दिखाने का पूर्व नियोजित एजेंडा ही लगता है। कभी तो उन्हें खाना ही मपस्सर नहीं होता और वे मात्र दाल वह भी अपर्याप्त होने का रोना रोते दिखाये जाते हैं तो कभी उन्हें जीवित मछली परोसा जाता है। इतना ही नहीं आइस क्यूब पर जमा हुआ कीड़ा-मकोड़ा भी खाने को दिया जाता है। सवाल है कि इस बकवास के आधार पर निर्माता क्रूा रिएल्टी पेश करना चाह रहा है?
राखी का स्वयांवर ; एन डी टीवी ईमाजिन पर बहुचर्चित मह कार्यक्रम भी अपेन संकल्पना से लेकर अंत तक लगातार मीडिया को मसाला पेश करता रहा। यद्यपि 2 अगस्त को यह कार्यक्रम खत्म हो गया और राखी ने कनाडा के व्यवसायी और गुजराती मूल के अप्रवासी भारतीय इलेश पारूजनेवाला को अपना जीवन साथी चुनकर सगाई भी रचा लिया है परन्तु जिस तरके से सारी खबरें पहले ही मीडिया में आती रही उससे इसके रिएल्टी शे पर सवाल तो उठता ही है साथ ही संपादन की खामी भी लगातार दिखती रही है।
आइटम गर्ल के रूप मंे विख्यात राखी सावंत के स्वयम्वर की घोषण ने ही देश में कौतुहल और उत्सुकता का माहौल बना दिया था। रिएल्टी शो राखी के मायके वालो (ईमैजिन टीवी) के व्यवसायिक दृष्टि से अति भव्य और बेहद खर्चीला आयोजन था। 12 हजार से अधिक आवेदनों में 16 को स्वयमम्बर के लिए चयनित किया गया। इससे उम्र में राखी के काफी छोटे प्रतियोगी से लेकर बीबी-बच्चों वाले पुलिस अफसर तक शामिल थे। हांलाकि बाद में यह खुला कि कश्मीर के अतहर न सिर्फ शादी शुदा थे बल्कि उनके तीन बच्चे भी थे। वह तो खैर स्वयम्बर से बाहर कर दिये गये किन्तु इसी बहाने एक चैनल ने इस स्वयम्वर का ’स्टिंग आपरेशन’ के नाम पर कई दिनों तक लोगों को वासी समाचार खूब परोसा। इतना ही नहीं इस चैनल ने नया तमाशा पेश करते हुए एक 87 वर्षीय बुर्जुग को उनके बेटे के साथ स्टूडियो मंे बैठाया कि यह वृद्ध राखी से शादी करना चाहते हैं। इसका प्रसारण भी दिनों तक किया जाता रहा। दर्शक यह नहीं समझ पा रहे थे कि इन बकवासों से यह 24 घंटेवाला चैनल चाहता क्या है? क्या वह भी राखी के स्वयम्बर के बहाने टीआरपी खेल में शामिल होने का कयावद कर रह था?
तमाम प्रतियोगियों में ऋषिकेश का मनमोहन तिवारी राखी को बहुत पसंद आया था। राखी उसे काफी पसंद करने लगी थी। इलेश पारूजनवाला, क्षितिज जैन, और मानस कत्याल के साथ वह भी उन अंतिम चार प्रतियोगियों में था जिनमें से राखी को अपना वर चुनना था। राखी ऋषिकेश भी गई किन्तु वहां जाने क्या हुआ कि राखी ने तुरंत ही उसे नकार दिया। राखी ने इसके लिए मनमोहन के घरवालों पर ठीक व्यवहार नहीं करने और मनमोहन के जीवन में किसी अंजली नाम की लड़की के होने का आरोप लगाया था जिसे मनमोहन राखी के लिए छोड़ने के तैयार नहीं थे। ऋषिकेश के एक होटल में जहंा राखी ने एक ही सांस में मनमोहन और उनके परिजनों पर तमाम आरोप लगाये वहीं यह भी कह बैठी कि मनमोहन ने ही देर रात उनके होटल जाकर उनसे शादी करने में अपनी असमर्थता जता दी थी। फिर सच क्या था राखी ने मनमोहन को स्वयम्बर से निकाला या फिर मनमोहन ने ही राखी से शादी करने से इंकार कर दिया था? पहले कहा गया था कि अंतिम चार चुने गये वरों में से असली दुल्हे का फैसला मुम्बई के किया जाएगा। किन्तु ऋषिकेश में घटी अंतिम चार में से भी एक निष्कासन दिखाया जाना था। असल में पूरे घटनाक्रम में अचानक नाटकीय मोड़ आने से एपिसोड जोड़ा गया जिसमें थोड़ा तार्किक दिखने और थोड़ा राखी के सम्मान का रखने के लिए मनमोहन का निष्कासन दिखाया गया। यहां भी सवाल उठता है कि जब यह कार्यक्रम ’रिएल्टी’ था तो उस प्रसंग को क्यों नहीं कैमरे में दर्ज किया जा सका जब मनमोहन ने होटल में ही राखी से मिलकर शादी से इंकार किया था? संपादन निर्देशन की चूक यह भी थी जब मनमोहन के निकासी को तार्किक जामा पहनाने के लिए एक और कड़ी जोड़ने का निर्णय होना ही था तो राखी के मुंह से वह संवाद ही क्यों प्रसारित किये गये जिसमें उन्होंने ही इस बात का खुलासा किया था कि मनमोहन ने ही असल में उनसे शादी करने से इंकार किया था?
राखी के स्वयम्वर के चर्चा और विवाद मं समाचार चैनलों ने भी अपनी ’खोजी पत्रकारिता’ का अद्भूत नमूना पेश किया। एक चैनल को 87 वर्षीय वुर्जुग को भी राखी से शादी करने का इच्छुक बताकर मसाला परोसने के बाद भी कोई फायदा होते नहीं दिखा तोवह प्रतियोगिता से बाहर किये गये लोगों के बहाने एक अलबेला स्टिंग आपरेशन शुरू कर दिया। सबसे तेज होने का दावा करनेवाले चैनल ने समाचार बेचने के लिए मनमोहन के माता-पिता का भी सहारा लिया। किन्तु जब बात बनती नहीं दिखाई दी तो खोजी पत्रकारिता की अनुपम मिसाल कायम करते हुए इसने दो सनसनीखेज खुलासे कर डाले। पहला तो यह कि राखी स्वयम्बर पार्ट 2 शुरू होनेसाल है। और दूसरा यह कि प्रतियोगिता से बाहर किये गये लव शर्मा और मनमोहन तिवार को फिर से स्वयम्वर में आमंत्रित किया जा सकता है, ऐसी खोजी टीवी पत्रकारिता पर क्यों न हे देश कुरवान?
जब राखी का स्वयम्वर भी उनके इमेज की तरह हाॅट हो मीडिया के लिए तो इस मसालेदार समाचार को बेचने से भला कौन पीछे हट सकता था। चैनलों पर ऐसे-ऐसे लोग आमंत्रित किये गये जो यह घोषण करते नहीं थकते थे कि यह सब राखी का ड्रामा है। एक चैनल ने तो राखी के परिजनों का ही सहारा लेकर यह खुलासा भी कर डाला कि राखी शादी शुदा है। उनके दावे में बताया गया कि राखी ने 2004 मंे ही शादी कर ली थी, पति से अलग रह रही है और अभी उनका तलाक नहीं हुआ है। सवाल है कि जब यह खबर इतना पुख्ता है तो राखी के परिजन और उसके कथित पति ने इस बहुचर्चित स्वयम्वर को रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया? खैर स्वयम्वर से शादी अभी टालकर इसे सगाई पर ही विराम दिया गया है, किन्तु रिएल्टी शो के संदर्भ में यह सवाल जरूर उठता है कि तत्काल आधारित है तो इसकी खबरें सप्ताह भर पहले से ही मीडिया में कैसे आ जाती है। चाहे विनोद कंाबली के सच का सामना हो स्वयम्वर में इलेश का जीतना मीडिया में यह खबरें प्रसारण से काफी पहले ही आ गई थी।