विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेला शुरू हो चुका है। भारी संख्या में श्रद्धांलु पहुंचने लगे हैं। मेले में किसी को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए मेला प्रशासन पूरी तरह चौकस है। सुरक्षा के संबंध में करीब छह हजार पुलिस जवानों की तैनाती के साथ-साथ 60 कंपनी अद्र्ध सैनिक बल, 20 कंपनी पीएसी की तैनाती की गई है
नए वर्ष के दस्तक देने के साथ ही विश्व प्रसिद्ध महाकुंभ मेला भी शुरू हो गया है। नया राज्य बनने के बाद पहली बार आयोजित हो रहे मेले के लिए सरकार ने एक जनवरी से 30 अप्रैल तक की अवधि के लिए कुंभ के लिए मेला क्षेत्र से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। मेला क्षेत्र में जनपद हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी शामिल किए गए हैं। संपूर्ण कुंभ मेला क्षेत्र करीब 130 वर्ग किमी। में फैला हुआ है। इस बार मेले में आने वाले अधिकांश श्रद्धालुओं के लिए नीलकंठ महादेव मंदिर को भी मेला क्षेत्र में शामिल किया गया है। सचिव शहरी विकास श्री वधावन ने मेला क्षेत्र से संबंधित अधिसूचना जारी की है। यह अधिसूचना एक जनवरी से 30 अप्रैल तक लागू रहेगी।
एक जनवरी से शुरू हुए इस मेले में अखाड़ा परिषद ने तेरह अखाड़ों के संबंध में मेला प्रशासन से भूमि आवंटन के बाद सभी अखाड़ों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। मेले के संबंध में कराए जाने वाले निर्माण कार्यों को पूरा कर लेने का प्रशासन दावा कर रहा है। दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए स्थायी व अस्थायी निर्माण कार्यों को अमलीजामा पहनाया है।
पहला मकर संक्रांति स्नान 14 जनवरी को होने के मद्देनजर राज्य के प्रमुख सचिव और उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव के बीच बीते दिन हुई समीक्षा बैठक को मेले के संबंध में अंतिम रूप देते हुए अन्य जिम्मेदारियों को भी अमलीजामा पहनाने का भरोसा दिलाया है। प्रमुख समस्या यातायात व्यवस्था के साथ-साथ पार्किंग की व्यवस्था के संबंध में दोनों राज्यों ने आपसी तालमेल बैठाते हुए कार्य करने की रणनीति बनाई है ताकि बाहर से आने वाले छोटे-बड़े वाहनों को व्यवस्थित किया जा सके। वाहनों को पार्क करने व जाम की स्थिति से निपटने के लिए पड़ोसी राज्यों के जनपदों में भी अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने भी नहर किनारे कांवड़ मेले पटरी को दुरुस्त करते हुए उसका इस्तेमाल हल्के वाहनों के लिए की बात कही है। यह भी निर्देश दिया गया है कि इस कांवड़ पटरी का इस्तेमाल भारी वाहनों के लिए न किया जाए। मेला प्रशासन द्वारा 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वरों के लिए अलग से स्थान उपलब्ध कराते हुए उनकी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अखाड़ों को उनके मुताबिक भूमि भी उपलब्ध कराई गई है। मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के संबंध में करीब छह हजार पुलिस जवानों की तैनाती के साथ-साथ 60 कंपनी अद्र्ध सैनिक बल, 20 कंपनी पीएसी की तैनाती की गई है। इसके साथ ही 31 थाने मेला क्षेत्र में सक्रिय होकर काम करेंगे। डीआईजी का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से महाकुंभ मेला अति संवेदनशील है। मेले में किसी भी प्रकार की कोई भी लापरवाही सुरक्षा के लिए घातक हो सकती है, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था काफी पुख्ता है। उनका यह भी कहना है कि मेला प्रशासन को सहयोग करने के लिए स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ तीर्थ यात्रियों को भी जागरूक किया जाएगा। मेले में हरकी पौड़ी सहित गंगा में समुचित जलापूर्ति बनी रह इसके लिए भी उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव से अनुरोध किया गया है, जिस पर उन्होंने राज्य को इस ओर विशेष ध्यान रखते हुए जलापूर्ति रखने का भरोसा दिलाया है।
गुरुवार, 14 जनवरी 2010
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