जनादे’श 2009 आने से पूर्व कयासबाजी हो रही थी कि क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अटल बिहारी वाजपेयी की तरह लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री के सिंहासन पर बैठने में कामयाब हो पाएंगे। लोकसभा में मात्र एक वोट से अपनी 13 माह पुरानी सरकार गंवाने के बाद वाजपेयी ने 1998 में दोबारा शानदार वापसी की थी अ©र 1977 के बाद पहली बार किसी नेता ने ऐसा करिश्मा कर दिखाया था। एक नई शुरूआत के साथ मनमोहन सिंह ने अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री का रिकार्ड दोहराई और भारतीय लोकतंत्र में जवाहर लाल नेहरू के बाद दूसरे प्रधानमंत्री बनें जो अपने पांच साल के कार्यकाल के बाद दोबारा प्रधानमंत्री बने हैं। कांग्रेस ने सपफतौर पर कह दिया कि मनमोहन ही पीएम हो गए। 76 वर्षीय सिंह पहले नेता हैं जिन्हें कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया है। यह वह पार्टी है जिसने आजादी के बाद के छह दशक में से देश पर 50 साल तक राज किया है। पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा महासचिव राहुल गांधी सिंह की उम्मीदवारी को लेकर जान लड़ाए हुए हैं अ©र कई बार घोषणा कर चुके थे कि इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। सिंह दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद ऐसा करने वाले गांधी नेहरू परिवार के बाहर के पहले कांग्रेसी प्रधानमंत्री होंगे। गठबंधन सरकार के मुखिया के तौर पर ऐसा कर पाना अपने आप में किसी करिश्मे से कम नहीं होता है।
काबिलेगौर है कि 1977 में जनता पार्टी के प्रयोग के बाद 1980 में इंदिरा गांधी सत्ता में आईं। अक्तूबर 1984 में उनकी हत्या के बाद राजीव गांधी लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत हासिल कर प्रधानमंत्री बने। लेकिन 1989 में वह भी दोबारा प्रधानमंत्री बनने का करिश्मा नहीं दोहरा सके अ©र कांग्रेस के सबसे बड़ी एकल पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद उन्हें विपक्ष में बैठना पड़ा। उसके बाद से संसद में बहुमत हासिल करना राजनीतिक दलों के लिए एक प्रकार से मृगमरिचिका ही साबित होता रहा है। 1989 के चुनावों के बाद वीपी सिंह 11 महीने तक प्रधानमंत्री पद पर रहे अ©र उसके बाद चंद्रशेखर की सरकार मात्र चार महीने ही चली। पीवी नरसिंह राव ने 1991 से लेकर 1996 तक पांच साल का प्रधानमंत्री का कार्यकाल पूरा किया। लेकिन उनके बाद प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी कुछ ही दिन इस पद पर रहे। विपक्षी कांग्रेस ने उनकी सरकार को 13 दिन का चमत्कार करार दिया। इसके बाद एचडी देवगौड़ा 11 महीने अ©र इंद्र कुमार गुजराल चार महीने तक प्रधानमंत्री रहे। 1998 अ©र 1999 में वाजपेयी ने सत्ता संभाली जबकि मनमोहन सिंह ने 2004 में उनकी जगह ले ली। नरसिंह राव सरकार में वित्त मंत्री बनने के साथ सिंह ने राजनीति में कदम रखा था अ©र वह देश में आर्थिक सुधार प्रक्रिया के प्रणेता कहे गए।
शनिवार, 16 मई 2009
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