गुरुवार, 17 सितंबर 2009

ओवर स्मार्ट मिस्टर मिनिस्टर आॅफ स्टेट


बहुत खूब। जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद भी करते हैं। कांग्रेस की भावना का भी कद्र नहीं किया, पार्टी लाइन पर क्या काम करेंगे आप? लांग टर्म आपसे क्या उम्मीद की जा सकती है? संयुक्त राष्ट्र संघ में नेतृत्व को लेकर एक बार अपनी उम्मीदवारी क्या जता दी, आम आदमी का कद आपको इतना छोटा लगने लगा कि उन्हें कैटल तक (मवेशी) कह डाला। .....और नहीं तो क्या, इकोनाॅमी क्लास का भावार्थ तो यही हुआ न? इस क्लास में आम आदमी ही तो ज्यादातर सफर करते हैं। आपने पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी का भी मजाक उड़ा डाला। इसलिए तो पूरी कांग्रेस को आप पर बौखलाना लाजिमी है। आपको पता होना चाहिए कि इस तरह के सार्वजनिक आचरण से कांग्रेस अध्यक्ष या किसी को भी दुख हो सकता है।
हमें पता है कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के कहने पर आपको पांच सितारा होटल का अस्थायी निवास छोड़ने पर बड़ा दुख हुआ है। लेकिन यह तो केंद्र सरकार की पाॅलिसी मेटर है। आम जनता इसमें आपकी कोई मदद भी नहीं कर सकती। लेकिन आपके इस कथन से कि इकोनाॅमी क्लास भेड़-बकरियांे की क्लास है, लगता है कि थरूर साहब, आप अब भी खुन्नस में हैं। अरे, यह तो केंद्र सरकार की मितव्ययिता अभियान है, जिसकी सराहना की जानी चाहिए। जैसे और कांग्रेसी इस अभियान की प्रशंसा कर रहे हैं, वैसे आपको भी करनी चाहिए। आप छोटी-छोटी बातों को दिल से लगा लेते हैं। आप विदेश राज्य मंत्री हैं, तो आपको यात्राआंे की दिक्कत कहां है? खामख्वाह परेशान हो रहे हैं। पार्टी की ओर से इस सादगी अभियान का संदेश देने में आपको हिस्सा लेना चाहिए और मुक्त कंठ से प्रशंसा करनी चाहिए।
अब आपसे क्या कहंे, आपने यह कहकर कि एकजुटता दिखाने के लिए आप भी अब अन्य नेताओं के साथ कैटल क्लास में सफर करेंगे, साथी नेताओं को भी नीचा दिखाया है। आप पर कांग्रेस प्रवक्ता जयंती नटराजन पूरी तरह नाराज हैं। आपकी कार्यशैली कांग्रेसी कार्य संस्कृति से भी मेल नहीं खाता। अपने में बदलाव लाएं, वरना आपका तो कुछ नहीं होगा, आपकी आपत्तिजनक सार्वजनिक आचरण से पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कम से कम पार्टी के लिए ऐसा न किया करें। आपसे अच्छे तो नंदन नीलेकणी जी हैं, जो बड़े औद्योगिक घराने से संबंधित होने के बावजूद पार्टी लाइन पर छोटी कार और सामान्य आवास जैसे सादगीपूर्ण उपायों पर गौर कर रहे हैं। कई बार तो यह लगा कि आप इस देश के नागरिक भी हैं या नहीं, क्योंकि आपने हवाई जहाज की इकोनाॅमी श्रेणी को, जिससे भारत के आम लोग यात्रा करते हैं, ‘मवेशी श्रेणी’ कह दिया है। इतना ही नहीं, आप तो पवित्र गायों पर भी कमेंट करने से बाज नहीं आए। आपकी इस व्यंग्यात्मक टिप्पणी के कारण सोनिया जी अपमानित महसूस कर रही हैं।
आपके जैसे ओवर स्मार्ट मिनिस्टर आॅफ स्टेट को जनता की अदालत में इस अपमान के बदले क्या सजा मिलनी चाहिए। शशि थरूर जी आपकी संवेदनहीनता के कारण आपको मंत्री पद से हटा भी दिया जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। अब तो आपकी हर देश-विदेश की यात्राओं पर सरकार और जनता दोनों की नजर होनी चाहिए। देश के खजाने से आप कितना खाते हैं, कितना गिराते हैं और कितना बर्बाद करते हैं? सभी भारतीयों की संवेदनशीलता के मद्देनजर उनका बयान स्वीकारने योग्य नहीं है। भारत में प्रतिदिन हजारों लोग इकोनाॅमी क्लास में सफर करते हैं। इकोनाॅमी क्लास का अर्थ सस्ती क्लास से होता है। अब जब भी आप जहां जाएं, कोई मतलब नहीं, लेकिन आपके यह कहने से कि अगली बार जब आप केरल जाएंगे तो ‘मवेशी श्रेणी’ में ही जाएंगे, केरल की जनता की प्रतिष्ठा का भी हनन हुुआ है।


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सुशिल देव
वरिष्ठ पत्रकार
9810307519

1 टिप्पणी:

arvind ने कहा…

shri sushildeo jee ki baate kash shashi tharur ji tak pahunch paati,lekhan satyapurn our wazib hai.