मंगलवार, 15 सितंबर 2009

‘दुर्गा सप्तषती रत्नाकर’ का लोकार्पण


मैथिली हास्य-व्यंग्य के षीर्षस्थ रचनाकार डा0 जयप्रकाष चैधरी ‘जनक’ द्वारा मैथिली भाषा में अनुदित ‘दुर्गा सप्तषती रत्नाकर’ का लोकार्पण परंपरा की लीक से हटकर नौ कुंवारी कन्याओं के हाथों दरभंगा स्थित सी। एम. लाॅ कालेज परिसर में किया गया। वैदेही सेवा मंच, कोलकाता द्वारा प्रकाषित इस पुस्तक में दुर्गा सप्तषती के ष्लोकों को मैथिली के सहज षब्दों में पिरोया गया है।

इस अवसर पर आकाषवाणी, दरभंगा के सहायक केंद्र निदेषक एस।के.आचार्य, पूर्व मेयर ओम प्रकाष खेड़िया, डा0 देवकांत मिश्र, बैद्यनाथ चैधरी सहित मृत्युंजय झा आदि उपस्थित हुए। समारोह का संचालन मणिकांत झा एवं अमलेंदु षेखर पाठक ने संयुक्त रूप से किया। पुस्तक की समीक्षा आकाषवाणी, दरभंगा के कार्यक्रम अधिषासी डा0 पी. एन. झा ने की।


- प्रवीण मैथिल
दरभंगा

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