वर्ष 2012 बिहार की राजनीतिक पृष्ठभूमि में कोई बदलाव के संकेत नहीं दे रहा है। ज्योतिष की नजर से देखें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यश यात्रा जारी रहेगी। वे पूरे वर्ष ऊर्जावान बने रहेंगे और सफलता हासिल करते रहेंगे। वहीं बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान की ग्रह दशा ठीक उलट है। लालू प्रसाद यादव इस वर्ष राहू की दशा से बाहर नहीं निकलेंगे और उनकी परेशानियां दूर नहीं हो पाएंगी। रामविलास पासवान की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती है और वे विरोधियों के बढ़ते प्रभाव से परेशान रहेंगे।
नीतीश कुमार की राशि वृश्चिक है और कुंडली में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। इसके बावजूद उनकी यश और कीर्ति पर कोई कुप्रभाव नहीं पड़ने वाला है। वर्ष की शुरूआत में उदर विकार और मानसिक अशांति के दौर से गुजरने की आशंका है। राशि का मालिक मंगल जून महीने तक कर्म भाव में रहेगा जिससे मुख्यमंत्री अपने सभी कार्यो को सफलता पूर्वक अंजाम देते रहेंगे।
विरोधी उनपर कुछ दबाव बनाने की कोशिश करेंगे लेकिन नीतीश कुमार राज्य के विकास मार्ग पर बढ़ते रहेंगे। हालांकि उन्हें अपने विश्वासपात्रों से सतर्क रहने की जरूरत होगी। वर्ष के अंत तक मुख्यमंत्री को ऊर्जा के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। कुंडली में शनि 12वें घर में और व्यय भाव में होने की वजह से उन्हें राज्य के विकास में धन की कमी भी महसूस हो सकती है। इस वर्ष के उनके खर्च बढ़ेंगे। शनि धन भाव को भी देख रहा है इस लिए केन्द्र से उनकी धन की लड़ाई जारी रहेगी।
लालू प्रसाद यादव मेष राशि के हैं। पूरे वर्ष वे राहू की विपरीत ग्रह दशाओं से परेशान रहेंगे। इस वजह से वे आर्थिक और मानसिक तौर पर परेशान रहेंगे। उनके घर में मांगलिक कार्य हो सकते हैं। संतान पक्ष से दायित्वों में कमी आयेगी। जीवन साथी से मतभेद होंगे और स्वास्थ्य के प्रति चिंता बरकरार रहेगी। पूरे वर्ष वे राजनीतिक रूप से सबल होने का प्रयास करते रहेंगे पर कोई खास सफलता मिलने की संभावना नहीं है।
इस क्रम में सहयोगियों से भी उनके मतभेद हो सकते हैं। उनके लिए उचित होगा कि अपने सलाहकारों का सम्मान करते रहें। वर्ष के अंत में राजनीतिक सफलता मिलने के आसार हैं इसके लिए उन्हें जन-मानस के बीच में बने रहने की जरूरत होगी। वाणी पर संयम भी सफलता की राह दिखा सकती है।
रामविलास पासवान तुला राशि के हैं। राशि का स्वामी शुक्र संतान भाव में है जिससे उन्हें पूरे वर्ष संतान से खुशी मिलेगी। शनि की साढ़ेसाती का पूर्ण प्रभाव होने के कारण राजनीतिक जीवन संकट में रहेगा। उनके विरोधियों का प्रभाव बढ़ेगा जो मानसिक परेशानी का कारण बनेगा। अप्रैल महीने में शुक्र अष्टम भाव में होगा और केतु के साथ रहेगा। यह योग उनके राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
जून महीना रामविलास पासवान को कुछ शांति देगा लेकिन जुलाई में मंगल व्यय घर में होगा जिससे उन्हें धन की कमी हो सकती है। उन्हें नए सहयोगियों से भी कुछ खास सफलता नहीं मिलेगी। अक्टूबर महीने से उनकी व्यवस्था बढ़ सकती है। यात्रा एवं प्रवास के योग रहेंगे। मांगलिक कार्यो में हिस्सा लेने से राविलास पासवान का मन प्रसन्न होगा और पारिवारिक दायित्व बढ़ेगा।
साभार : दैनिक भास्कर
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