शनिवार, 29 मई 2010

उमा-जसवंत को लेकर सौदेबाजी

संगठन संबंधी कामकाज का बोझ भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के लिए चुनौती बन रहा है। लिहाजा विदेश दौरे से लौटते ही गडकरी को संगठन से जुड़े कई अहम फैसले करना हैं।पहला फैसला राज्यसभा और विधान परिषद सीटों के लिए उम्मीदवारों के चयन का है। दूसरा काम राष्ट्रीय पदाधिकारियों के बीच कामकाज का बँटवारा करना है। इसके अलावा गडकरी के सामने उमा भारती और जसवंतसिंह की घर वापसी का मामला नए रूप में सामने रखा जा सकता है।गडकरी शुक्रवार को दिल्लीClick here to see more news from this city आ रहे हैं। शुक्रवार देर शाम संसदीय बोर्ड की बैठक हो सकती है। गडकरी को राज्यसभा और विधान परिषद के लिए उम्मीदवारों का चयन करना है। राज्यसभा सीट को लेकर भाजपा में खींचतान मची है। कई वरिष्ठ नेता राज्यसभा में जाने के लिए जोड़तोड़ में लगे हैं। वेंकैया नायडू, अरुण शौरी, राजीव प्रताप रूड़ी, नजमा हेपतुल्ला, हेमामालिनी, बीसी खंडूडी, मुख्तार अब्बास नकवी, संतोष गंगवार, अनिल जैन, तरुण विजय के नाम दौड़ में हैं। गडकरी के सामने दूसरी चुनौती केंद्रीय पदाधिकारियों के कामकाज का बँटवारा है। दो महीने बाद भी गडकरी अपने केंद्रीय पदाधिकारियों के बीच कामकाज का बँटवारा नहीं कर पाए हैं।इस बीच भाजपा से निष्कासित जसवंतसिंह और उमा भारती की घर वापसी की सुगबुगाहट है। इसे एक तबका राजनीतिक सौदेबाजी का भी नाम दे रहा है। सूत्रों के अनुसार पार्टी में जहाँ संघ समर्थक खेमा भारती की घर वापसी की कोशिश में लगा है तो जिन्ना प्रकरण के चलते संघ की आँखों की किरकिरी बने जसवंत की घर वापसी के लिए भी रास्ता बनाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि यदि उमा पार्टी में आएँगी तो जसवंत भी आएँगे।जाति जनगणना पर राजग में फूट : जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर भाजपा नेतृत्व वाले राजग के घटक दलों में फूट पड़ गई है। इस मुद्दे पर जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने जहाँ जाति आधारित जनगणना की खुलकर वकालत की है, वहीं दूसरी ओर शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने जाति के आधार पर जनगणना का विरोध किया है। इस मामले को लेकर भाजपा में पहले से ही मतभेद हैं। पार्टी के अगड़े और पिछड़े नेता अलग-अलग सुरों में बोल रहे हैं।


साभार

1 टिप्पणी:

Aayush Maan ने कहा…

नितिन बाबा को बहुत झेलना है