शनिवार, 30 मई 2015

डा. नजमा हेपतुल्ला

कई लोग ऊंचे पदों पर जाकर भी सहज रहते हैं। खास होकर भी आम के लिए सोचते हैं। बिना लाग-लपेट के अपनी बातों को रखते हैं। तमाम महती जिम्मेदारियों के बीच भी उनके अंदर का साहित्यकार कुलांचे मारता रहता है। ऐसी ही शख्सियत हैं डा. नजमा हेपतुल्ला। शुक्रवार को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के उनके दफ्तर में उनसी लंबी मुलाकात हुई, तो इन बातों की जानकारी हुई।
सौजन्य: समृद्धि भटनागर


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