शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

कल्याण की राह पर मरांडी!


उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता कल्याण सिंह को एक बार फिर भजपा में वापसी के लिए जोर-अजमाइश हो रही है। वहीं, झारखंड में भ कुछ भजपाई प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी को लेकर बिसात बिछा रहे हैं। रांची से लेकर दिल्ली तक में भजपा के एक गुट का मानना है कि यदि मरांडी भजपा में फिर से वापस आ जाते हैं, तो झारखंड में पार्टी की स्थिति अच्छी हो जाएगी। अनौपचारिक बातचीत में प्रदेश के कई भजपाइयों ने बताया कि इसके लिए कोशिशें bhi हो रही हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की जैसे ही पार्टी में वापसी होती है, उसके बाद मरांडी का इश्यू पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के सामने होगा। दअरसल, बीते दिनों जैसे ही झारखंड विकास मोर्चा के नेता बाबू लाल मरांडी ने यूपीए से समर्थन वापस लिया था, उसके बाद से ही चर्चाएं तेज हो गई कि वे एनडीए के खेमे में आएंगे। उसके बाद जैसे ही झाविमो ने सोनिया गांधी के विदेश दौरों के खर्च मांगने पर नरेंद्र मोदी का समर्थन किया, संभवना जताई जाने लगी कि वे घर (•ााजपा) वापसी की जमीन तैयार कर रहे हैं। जमशेदपुर से जेवीएम के सांसद डॉ. अजय कुमार ने आरटीआई की तारीफ करते हुए कहा था कि केंद्र को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाल में विदेश में हुए इलाज के खर्च के बारे में बताना चाहिए। दरअसल, मोदी ने जिस आरटीआई कार्यकर्ता का हवाला देकर सोनिया गांधी के विदेश दौरों के खर्च को मुद्दा बनाने की कोशिश की थी, उसने खुद मोदी के दावे की हवा निकाल दी। इतना ही नहीं, जिस अखबार को मोदी ने सबूत के तौर पर पेश किया था, उसके संपादक ने •ाी यह माना कि सोनिया गांधी के विदेश दौरे के खर्च की खबर बिना किसी पड़ताल के छाप दी गई थी। इसके बाद ही मोदी के तेवर तो नरम पड़ गए थे, लेकिन जेवीएम ने इस मुद्दे को हवा देनी की •ारसक कोशिश की थी। गौर करने योग्य यह •ाी है कि यूपीए से नाता तोड़ने के बाद मरांडी को लेकर जहां •ााजपाइयों के मन में कई प्रकार के सवाल घुमड़ रहे हैं, वहीं तृणमूल कांग्रेस के साथ फिलहाल मरांडी ने संसद में साथ नि•ााने का वादा किया है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही बाबूलाल मरांडी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी से मुलाकात करने के बाद कहा था कि हमने केंद्र की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संसद के •ाीतर और बाहर साथ काम करने का निर्णय किया है। झारखंड के लोग पूरी तरह से ममता बनर्जी के साथ हैं। तृणमूल कांग्रेस के अखिल •ाारतीय महासचिव मुकुल राय ने कहा था कि कि दोनों पार्टियों ने सदन में समन्वय का निर्णय किया है। मरांडी की ओर से यह •ाी कहा गया कि पूरा देश यूपीए के जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। किसी में •ाी ममता बनर्जी जैसे यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की हिम्मत नहीं है। •ााजपा संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि दिल्ली में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व एक-एक करके प्रादेशिक नेताओं से उनकी राय जान रहा है। प्रादेशिक नेताओं को •ाी कहा गया है कि वे प्रदेश में मरांडी की वर्तमान स्थिति का आकलन करे। यदि पार्टी में उनकी वापसी की बात होती है, तो सरकार में सहयोगी दलों का क्या रुख होगा, कारण वहां गठबंधन की सरकार है। झारखंड विकास मोर्चा और आजसू को •ाी टटोला जा रहा है। पार्टी में एक गुट का मानना है कि यदि बाबू लाल मरांडी की •ागवा कैंप में वापसी होती है, तो पार्टी की सेहत पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

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