सोमवार, 5 अप्रैल 2010

किम की मौत का रहस्य

जब इंसान सार्वजनिक जीवन में आ जाता है तो उसे बहुत सारे कायदे-कानून और लोकलाज का ख्याल रखना पड़ता है। लेकिन कुछ लोग अपने मन के मालिक होते हैं। जो मन में आया, किया। न तो लोकलाज और न ही कोई पछतावा। ऐसे ही बिरले लोगों की श्रेणी में उत्तर कोरिया के राष्टï्राध्यक्ष किम जोंग इल भी आते हैं, जो अपने राजशाही लाइफस्टाइल और मनमौजी के लिए विख्यात रहे हैं।
उत्तर कोरिया के राष्टï्रपति किम जोंग इल के पास देश-विदेश की यात्रा के लिए छह विशेष आलीशान ट्रेनें हैं। साथ ही सिर्फ उनके उपयोग के लिए 19 विशेष स्टेशन बनाए गए हैं। बताया जाता है कि ट्रेनों में विशेष कांफ्रेंस रूम, श्रोताओं के कमरे और आलीशान बेडरूम की भी व्यवस्था की गई थी। कहा जाता है कि किम हवाई यात्रा से घबराते हैं और कहीं भी जाने के लिए रेलमार्ग का ही उपयोग करते हैं। जनवरी 2006 में वह ट्रेन से ही चीन गए थे। ट्रेनों में सैटेलाइट फोन और फ्लैट स्क्रीन टीवी की सुविधा उपलब्ध है ताकि किम ताजा हालातों से अवगत रहें। किम की कहीं की भी यात्रा के पूर्व लगभग 100 सुरक्षाकर्मियों को स्टेशनों पर पहले से ही भेजा जाता है। इसके साथ ही अन्य ट्रैकों की बिजली गुल कर दी जाती है, ताकि उस समय कोई और ट्रेन उस स्टेशन पर न आ सके।
ऐसा नहीं है कि इनका यही एक शौक रहा है। किम जोंग-इल के पूर्व खानसामे का दावा है कि उनको जिंदा मछली खाना और ऐसी पार्टियों की मेजबानी करने का शौक है जिसमें वह औरतों को अमेरिकी डांस म्यूजिक पर निर्वस्त्र होने और नाचने का आदेश देते हैं। 'द सनÓ ने जोंग-इल के पूर्व खानसामे केनजी फूजीमोतो के हवाले से कहा उन्हें ऐसी ताजा मछली खाने में मजा आता है जो अब भी साँस ले रही हो और अपनी पूँछ हिला रही होती हो। उत्तर कोरिया से भाग कर जापान में छिपे 56 वर्षीय फुजीमोतो ने अपनी किताब 'आई वाज किम जोंग-इल्स कुकÓ (मैं किम जोंग-इल का खानसामा था)में यह भी दावा किया कि उत्तर कोरियाई राष्ट्रपति अपनी मौजमस्ती पूरा करने के लिए महिलाओं को अपने सहयोगियों के साथ निर्वस्त्र नृत्य करने का आदेश देते हैं। फूजीमोतो का कहना है कि उत्तर कोरियाई राष्ट्रपति हालीवुड के ऐक्शन हीरो ज्यां क्लाड वान डैम के प्रशंसक हैं और खूब शराब पीते हैं।
और उनकी यही शौक उन्हें ले डूबी। किम जोंग इल की तबीयत लगातार बिगड़ती गईं। मीडिया में उनके हार्ट, डायबिटीज, ब्रेन हेमरेज और बार-बार अचेत हो जाने की बीमारियों की गिरफ्त में आ जाने के दावे किया गया। उनकी मृत्यु को लेकर संशय बरकरार रखा गया। कई बार खबरें आई कि किम जोंग इल की मृत्यु हो चुकी, तो कुछ दिन बाद उनका वीडियो प्रसारित कर दिया जाता है। दरअसल, इनका परिवार की उत्तर कोरिया का राजशाही परिवार रहा है। इनके पिता किम इल सुंग उत्तर कोरियाई सरकार की 1948 में विधिवत स्थापना के बाद राष्ट्रपति हुए थे और सन् 1994 में उनका निधन हुआ। उन्हें उत्तर कोरिया का शाश्वत राष्ट्रपति घोषित किया गया है। इसलिए उनके सुपुत्र भले ही वहां तानाशाह हों, उनका आधिकारिक पद राष्ट्रपति का नहीं है और उनके पोते का भी नहीं होगा। किम इल सुंग क्रांतिकारी थे, इसलिए उनके खानदान में यह क्रांतिकारी काम हुआ कि वे मरने के बाद भी राष्ट्रपति बने रहे। कुछ लोग कह सकते हैं कि यह किम इल सुंग ने नहीं, उनके बेटे किम जोंग इल ने अपने पिता को शाश्वत राष्ट्रपति घोषित किया। लेकिन क्या फर्क पड़ता है, कितने लोग दोनों के बीच फर्क बता सकते हैं। तस्वीरें साथ-साथ रख दी जाएं तो कितने लोग बता सकते हैं कि कौन बेटा है, कौन बाप? खानदान की तीसरी पीढ़ी के बारे में तो कुछ पता ही नहीं कि किम जोंग कैसे दिखते हैं, क्योंकि उनकी एक ही तस्वीर उपलब्ध है, जो लगभग 15 साल पुरानी है, जब वे 11 साल के थे।
अभी भी संशय बरकरार है। किम की सेहत को लेकर द. कोरिया और जापान से लेकर अमेरिका तक के मीडिया में समय-समय पर निगेटिव खबरें आती रहती हैं। पिछले साल तो बीजिंग स्थित दक्षिण कोरियाई दूतावास ने ऐसी खुफिया रिपोर्ट मिलने का दावा कर दिया था कि किम की मौत हो चुकी है। जापान के फुजी टीवी ने तो यहां तक दावा कर दिया था कि किम को बचाने के लिए उनका सबसे बड़ा बेटा किम जोंग-नाम खुद फ्रांस जाकर एक न्यूरोसजर्न को लेकर चीन होते हुए प्योंगयांग आया था। लेकिन फ्रांस के ही एक अखबार ने इस खबर को गलत बता दिया था। जापान और अमेरिका में प्रमुखता के साथ किम की मौत की खबरें छपने के बाद बीबीसी ने उत्तर कोरिया की तरफ से जारी खंडन और उसकी ये स्वीकारोक्ति भी प्रसारित की कि किम को दिल का दौरा जरूर पड़ा है।
लेकिन सवाल कायम है कि किम के बाद कौन? किम की बिगड़ती सेहत की खबरों का असर उ. कोरिया की अवाम और शासन तंत्र दोनों पर एक हद तक जरूर पड़ता है। जानकार बताते हैं कि कम्युनिस्ट सिस्टम में नेता की खराब सेहत का पता चलने के बाद पार्टी का असंतुष्ट खेमा और सैनिक ताकतें उससे पिंड छुड़ाने की कोशिश में जुट जाती हैं। लेकिन ये खबरें गलत साबित होती नजर आए, तो पूरा सिस्टम नेता के साथ आ खड़ा होता है। साठ साल पहले उ. कोरिया की स्थापना के समय से ही वहां कम्युनिस्ट राज के पूरे ढांचे पर किम इल-सुंग और उनके परिवार की मजबूत पकड़ रही है, और इसीलिए उनके बेटे किम जोंग-इल की सेहत को लेकर उठने वाले तमाम सवालों को बगैर देर किए खत्म करने की कोशिशें की जा रही हैं। गत अप्रैल-मई में किए गए मिसाइल और एटमी परीक्षण इसी नजर से देखे जा रहे हैं।
किम जोंग-इल के उत्तराधिकारी के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं की गई है, लेकिन वेस्टर्न मीडिया को लगता है कि किम अपने तीन बेटों और दामाद में से सबसे छोटे बेटे किम जोंग-उन को ही सत्ता की बागडोर सौंपना चाहते हैं। 26 साल के किम जोंग-उन की शक्ल-सूरत, चाल-ढाल और सोच-विचार की उग्र शैली बिलकुल अपने पिता जैसी ही है, और पार्टी के वर्कर उसे 'ब्रिलिएंट कॉमरेडÓ के नाम से पुकारते हैं। किम के सबसे बड़े बेटे किम जोंग-नाम का नाम उत्तराधिकार से इसलिए बाहर हो चुका है कि 2001 में उसे तोक्यो एयरपोर्ट पर फर्जी पासपोर्ट पर हवाई सफर करते पकड़ लिया गया था। वैसे एक खबर ये भी है कि किम अपने दूसरे बेटे किम जोंग-चुल को लीडर के तौर पर सामने लाने के लिए ट्रेनिंग दे रहे हैं, लेकिन इस पर यकीन करने वाला तबका काफी छोटा है। उधर किम के साले जंग सोंग-थक को 2012 का इंतजार है, जब किम के उत्तराधिकारी का औपचारिक ऐलान होगा। अगर फैसला किम के किसी बेटे के हक में गया, तो उसे थक की चुनौती का सामना भी करना पड़ेगा।

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