बुधवार, 23 दिसंबर 2009

मनु की संतान

मनु ने किया था वर्ण विभाजन
'स्मृतिÓ में किया जाति विचार
ब्राह्मïण को पुरस्कार
शूद्र को तिरस्कार
वैश्य को धन भंडार
तो क्षत्रिय को दिया तलवार।
कालांतर में
मनुवाद का विरोध
बना आधुनिकता का औजार
अब जातियों के अंदर
दर्जनों उप-जातियाँ बनी
और उच्च ब्राह्मïण से लेकर
शूद्र की अंतिम सीढ़ी
तक का हुआ पड़ताल
राजनीति ने दिया संरक्षण
और प्रजातंत्र ने दिया आधार
वर्णवाद का खेल
कलमकारों को भी खूब भाया
सवर्ण, स्त्री और दलित विमर्श
ने साहित्य में खूब रंग जमाया
क्षेत्र, भाषा और संस्कृति
कुछ भी इनकी नजर से बच नहीं पाया
आधुनिकता के पुजारी
मनु की संतानों की
क्या खूब है माया।
- बिपिन बादल

4 टिप्‍पणियां:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

वर्णवाद का खेल
कलमकारों को भी खूब भाया
सवर्ण, स्त्री और दलित विमर्श
ने साहित्य में खूब रंग जमाया
क्षेत्र, भाषा और संस्कृति
कुछ भी इनकी नजर से बच नहीं पाया
आधुनिकता के पुजारी
मनु की संतानों की
क्या खूब है माया।
Bahut sundar !

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर रचना लिखी आपने .. कल भी किसी बहाने से असमर्थों का शोषण हो रहा था .. और आज भी शोषण हो रहा है !!

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना है।बधाई।

aarya ने कहा…

सादर वन्दे
रचना सूंदर है, किन्तु जानकारी अल्प है
रत्नेश त्रिपाठी