मानव विकास से ही बिहार का युवा वर्ग और बच्चे अपनी क्षमता का विकास कर सकेंगे। बिहार आगे बढ़ेगा, लोग आगे बढेंगे। जरूरत इस बात की है कि सूबे को निरंतर प्रगति की राह पर आगे बढ़ाने के लिए मानव विकास मिशन को एक जनांदोलन का रूप दिया जाए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि विकास का मतलब गरीबों का उत्थान है और राज्य सरकार मानव विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसी सोच के तहत ‘मानव विकास मिशन’ की शुरुआत की गई। बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में ‘मानव विकास मिशन’ के लिए बनी राज्य अनुश्रवण समिति की बैठक हुई, जिमसें रोड मैप पर मुहर लगी। इस पर 41 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मकसद मातृत्व दर, शिशु मृत्यु दर व प्रजनन दर को कम करना, एनीमिया को नियंत्रित करना और लोगों को आर्सेनिक एवं फ्लोराइड मुक्त पानी पहुंचाना है। मिशन मानव विकास की चौथी बैठक में स्वास्थ्य प्रक्षेत्र के सभी मानकों को राष्ट्रीय औसत से ऊपर ले जाने पर चर्चा हुई। सरकार की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि पांच साल के रोड मैप पर खर्च होनेवाली राशि से 10 वर्षों का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि मानव विकास से ही युवा एवं बच्चे अपनी क्षमता का विकास कर सकेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, सामाजिक न्याय, महिला सशक्तीकरण, महादलित, अतिपिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग की विशेष पहल से ही मानव विकास सफल होगा। बिहार को प्रगति की राह पर निरंतर आगे बढ़ाने के लिए इसे जनांदोलन का रूप देने की आवश्यकता है। मिशन की चौथी बैठक में स्वास्थ्य ्रक्षेत्र में सुधार के लिए बनी उप समिति ने समिति के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया। इसमें 6700 ममता की नियुक्ति की बात भी कही गई। मुख्यमंत्री ने इसे और बढ़ाने को कहा। साथ ही यह भी कहा गया कि बाल विवाह और लिंगानुपात को ठीक करने के लिए जीविका के तहत संचालित हो रहे स्वयं सहायता समूह और विद्यालयों का सहयोग लिया जाएगा। बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पीएचइडी मंत्री चंद्रमोहन राय, स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे, शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही, समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह, आइटी मंत्री शाहिद अली खान, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री गौतम सिंह, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री वृष्णि पटेल, कला संस्कृति मंत्री प्रो. सुखदा पांडेय, मुख्य सचिव एके सिन्हा, विकास आयुक्त फूल सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा सहित कई दूसरे विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद थे। बताया जाता है कि मानव विकास मिशन में शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, पिछड़ा व अति पिछड़ा, एससी-एसटी कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, कला, संस्कृति व युवा विभाग, विज्ञान व प्रावैधिकी, योजना व विकास विभाग, श्रम संसाधन, सूचना व जन संपर्क एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को शामिल किया है। साथ ही इसके रोड मैप बनाने के लिए जनसंख्या संबंधी, स्वास्थ्य संबंधी, शिक्षा संबंधी, स्कील डेवलेपमेंट, पीने का पानी व सफाई, कला व संस्कृति एवं कमजोर व वंचित वर्ग से संबंधित कमेटी का विशेष योगदान रहा।
दरअसल, जिन मामलों में बिहार राष्ट्रीय औसत से नीचे है, उन्हीं को लेकर प्रदेश में एक मानव विकास मिशन बनाया गया है। अब तक इसकी चार बैठक हो चुकी हैं। नीतीश सरकार का कहना है कि न केवल संयुक्त राष्ट्र संघ के मिलिनियम डेवलपमेंट गोल को हासिल किया जाएगा, बल्कि उससे आगे हम बढेंगे। दूसरी ओर, सच यह है भी है कि पिछले दस वर्षों में बिहार की आबादी में 25-26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यहां आबादी बढ़ने का सिलसिला ऐसे चलता रहा, तो वर्ष 2051 तक यहां की आबादी 20 करोड़ पहुंच जाएगी। बिहार का कुल क्षेत्रफल 94 हजार वर्ग किलोमीटर है और यहां एक वर्ग किलोमीटर में 1100 लोग वास करते हैं। नीतीश सरकार ने जनसंख्या घनत्व के इस दबाव को बिहार के लिए एक गंभीर मसला माना है और इच्छा जताई है कि उसे कम करना होगा।
सच तो यह भी है कि ग्लोबल इकनॉमिक स्लो डाउन और देश में कम होती घरेलू मांग के बावजूद बिहार ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 11.95 फीसदी की दर से प्रगति की थी, जो देश के अन्य राज्यों में सबसे ज्यादा रहा था। बिहार के लिए 2012-13 का इकनॉमिक सर्वे विधानसभा में पेश करने के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान बिहार के आर्थिक विकास की दर 11.95 फीसदी रही, जो देश के अन्य राज्यों में सबसे ज्यादा है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर बिहार में प्रति व्यक्ति आय 25,653 रुपये है, जबकि राष्ट्रीय औसत 60,972 रुपये है। 2011-12 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय स्तर पर तुलना में 42 फीसदी हो गया, जबकि 2007-08 में यह 32.4 फीसदी था। यह सर्वे बिहार की अर्थव्यवस्था की अच्छी तस्वीर पेश करता है। यह अच्छी आर्थिक नीतियों का नतीजा है। राज्य न हर क्षेत्र में प्रगति की है।