पांच राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनाव में करारी हार से सदमे में आई कांग्रेस अब पीएम उम्मीदवार के नाम पर और ज्यादा सस्पेंस नहीं बनाना चाहती और जल्दी से जल्दी पार्टी कैंडिडेट का नाम सामने लाना चाहती है। क्या मिशन 2014 में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी पीएम कैंडिडेट होंगे? सवाल इसलिए क्योंकि अगले साल जनवरी में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की एक अहम बैठक होने जा रही है और ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद कांग्रेस के पीएम प्रत्याशी की तस्वीर साफ हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के ज्यादातर नेता राहुल गांधी के नाम पर एकमत हैं और वे चाहते हैं कि जितनी जल्दी हो सके राहुल गांधी का नाम आगे कर देना चाहिए। अगले साल 17 जनवरी को बैठक होने वाली है और उम्मीद जताई जा रही है कि बैठक में राहुल के नाम पर मुहर लगा दी जाएगी।
एआईसीसी का कामकाज देखने वाले महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने आज बताया कि यह बैठक दिल्ली में होगी। एक साल पहले ‘गुलाबी नगरी’ जयपुर में हुई एआईसीसी की बैठक में राहुल गांधी को कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया था। चार राज्यों में पार्टी की शर्मनाक पराजय के बाद देश भर के कांग्रेस के पदाधिकारी पहली बार 17 जनवरी को एक जगह जमा होंगे। पार्टी के अंदर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग भी जोर पकड़ चुकी है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस जयपुर में हुई बैठक की तर्ज पर ही इस बैठक में राहुल को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाए। यह बैठक ऐसे समय में बुलायी जा रही है जब कांग्रेस को नरेन्द्र मोदी के उभार और संप्रग के सिकुड़ने से उपजे हालात का सामना करना पड़ रहा है। एआईसीसी की पिछली बैठक चिंतन शिविर के साथ इस साल जनवरी में जयपुर में हुई थी जिसमें राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। एआईसीसी की बैठक की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब एक ही दिन पहले द्रमुक के नेता एम करूणानिधि ने अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने का ऐलान किया है। द्रमुक ने कुछ ही महीने पहले कांग्रेस नेतृत्व वाले संप्रग गठबंधन से नाता तोड़ा था। संप्रग गठबंधन के दूसरे सबसे बड़े घटक तृणमूल कांग्रेस ने खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के मुद्दे पर पिछले साल ही गठबंधन को अलविदा कह दिया था। इसके अलावा बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाला झारखंड विकास मोर्चा और एआईएमआईएम भी संप्रग से अलग हो चुका है। दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनवों में मिली भारी पराजय के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इन चुनाव परिणामों पर गहरे आत्ममंथन किये जाने की बात की थी।
क्या मिशन 2014 में नरेन्द्र मोदी का मुकाबला राहुल गांधी से होगा। कयास तो ऐसे ही लग रहे हैं कि अगले आम चुनाव में मोदी की टक्कर राहुल से होगी। बीजेपी काफी पहले ही मोदी को अपना पीएम कैंडिडेट घोषित कर चुकी है लेकिन कांग्रेस ने इस बाबत अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है। हालांकि शुरू से ही ये कयास लग रहे थे कि कांग्रेस की ओर से ये जिम्मेदारी राहुल गांधी को सौंपी जा सकती है लेकिन अब बात काफी जोर शोर से उठने लगी है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के भीतर इस बात का दबाव बढ़ता जा रही है कि राहुल को ही पार्टी की ओर से पीएम पद का प्रत्याशी घोषित किया जाए। कांग्रेस के भीतर राहुल गांधी के नाम पर चर्चा जोर पकड़ती जा रही है लेकिन फिलहाल पार्टी के नेता इस बारे में साफ साफ कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उधऱ कांग्रेस नेता विरेन्द्र सिंह ने संकेत दिए हैं कि 17 जनवरी को पीएम पद के उम्मीदवार के लिए राहुल गांधी के नाम का एलान किया जा सकता है।
एआईसीसी का कामकाज देखने वाले महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने आज बताया कि यह बैठक दिल्ली में होगी। एक साल पहले ‘गुलाबी नगरी’ जयपुर में हुई एआईसीसी की बैठक में राहुल गांधी को कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया था। चार राज्यों में पार्टी की शर्मनाक पराजय के बाद देश भर के कांग्रेस के पदाधिकारी पहली बार 17 जनवरी को एक जगह जमा होंगे। पार्टी के अंदर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग भी जोर पकड़ चुकी है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस जयपुर में हुई बैठक की तर्ज पर ही इस बैठक में राहुल को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाए। यह बैठक ऐसे समय में बुलायी जा रही है जब कांग्रेस को नरेन्द्र मोदी के उभार और संप्रग के सिकुड़ने से उपजे हालात का सामना करना पड़ रहा है। एआईसीसी की पिछली बैठक चिंतन शिविर के साथ इस साल जनवरी में जयपुर में हुई थी जिसमें राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। एआईसीसी की बैठक की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब एक ही दिन पहले द्रमुक के नेता एम करूणानिधि ने अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने का ऐलान किया है। द्रमुक ने कुछ ही महीने पहले कांग्रेस नेतृत्व वाले संप्रग गठबंधन से नाता तोड़ा था। संप्रग गठबंधन के दूसरे सबसे बड़े घटक तृणमूल कांग्रेस ने खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के मुद्दे पर पिछले साल ही गठबंधन को अलविदा कह दिया था। इसके अलावा बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाला झारखंड विकास मोर्चा और एआईएमआईएम भी संप्रग से अलग हो चुका है। दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनवों में मिली भारी पराजय के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इन चुनाव परिणामों पर गहरे आत्ममंथन किये जाने की बात की थी।
क्या मिशन 2014 में नरेन्द्र मोदी का मुकाबला राहुल गांधी से होगा। कयास तो ऐसे ही लग रहे हैं कि अगले आम चुनाव में मोदी की टक्कर राहुल से होगी। बीजेपी काफी पहले ही मोदी को अपना पीएम कैंडिडेट घोषित कर चुकी है लेकिन कांग्रेस ने इस बाबत अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है। हालांकि शुरू से ही ये कयास लग रहे थे कि कांग्रेस की ओर से ये जिम्मेदारी राहुल गांधी को सौंपी जा सकती है लेकिन अब बात काफी जोर शोर से उठने लगी है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के भीतर इस बात का दबाव बढ़ता जा रही है कि राहुल को ही पार्टी की ओर से पीएम पद का प्रत्याशी घोषित किया जाए। कांग्रेस के भीतर राहुल गांधी के नाम पर चर्चा जोर पकड़ती जा रही है लेकिन फिलहाल पार्टी के नेता इस बारे में साफ साफ कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उधऱ कांग्रेस नेता विरेन्द्र सिंह ने संकेत दिए हैं कि 17 जनवरी को पीएम पद के उम्मीदवार के लिए राहुल गांधी के नाम का एलान किया जा सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें