रविवार, 3 फ़रवरी 2013

जीवन साथी चुनते समय


इक्कीसवीं सदीं की नारी सफलता की ऊचांईयों को छू रही है लेकिन इन गगनचुंबी ऊंचाईयों के साथ- साथ उसके सोचने के तरीकों मे बदलाव हुआ है। पाश्चात्य संस्कृति की होड़ में कभी मान मर्यादा की प्रतिमूर्ति रही नारी आज खुद ही इससे दूर होती जा रही है । ये अलग बात है कि आज महिलाओं ने समाज में अपनी एक अलग पहचान बना ली है । जिसके दम पर वह अपनी परंपरागत धारणाओं से न केवल दूर हुई है बल्कि अपने अच्छे बुरे के निर्णय भी वह स्वयं लेती हैं। यहां तक कि अपनी जिंदगी के सबसे अहम फैसले शादी को भी वह कभी-कभी भावावेश में बह कर ले लेती हैं जिससे बाद में उन्हें सिवाय अफसोस के कुछ हासिल नहीं होता। पहले ये फैसले हमारे बड़ो के द्वारा लिए जाते थे जो सही भी होते थे पर आज की महिलाएं अपने फैसले लेने के लिए स्वछंद हैं,उन्हें लगता है कि वह अपने से जुड़े फैसले स्वयं और अच्छे ले सकती हैं । अपने से बड़ों की बातें मानना उनके इगों को बर्दाश्त नहीं। महिलाएं हमारे समाज का आधार हैं जिनके बगैर हमारे समाज की कल्पना ही नहीं की जा सकती।पर अपने आपको आगे दिखाने की होड़ में ये ना केवल अपने घर परिवार से दूर हुई हैं बल्कि अब अपने परिवार में भी सांमजस्य स्थापित कर पाना इनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है । विवाह जैसे पवित्र बंधन का निर्णय करने से पहले गहन चिंतन करें कि क्या आप उस माहौल में रहने के लिए तैयार हैं और क्या शादी के बाद भी आपके रिश्ते ऐसे ही मधुर बने रहेंगे? आप इस बात का ध्यान जरूर रखें की ये आपका फैसला है और इससे जुड़ी हर ऊंच नीच से आप को ही रूबरू होना है कोई और नहीं होगा आपका साथ देने वाला। दरअसल जो चीजे हमें कभी-कभी दूर से बड़ी खुबसूरत दिखती हैं उसकी वास्तविकता बड़ी कुरूप होती है इसका अंदाजा हमें तब लगता है जब हम उससे संपर्क में आते हैं। सभी परिथतियों को समझते हुए निर्णय ले ।परिवार के सभी व्यक्ति चाहे वह छोटा या बड़ा हो, सभी के साथ मिल कर रहें और एक-दूसरे की तकलीफो और भावनाओं को समझें। और इतना ध्यान रखें कि जो संस्कार आपको अपने मायके में मिले हैं उन्हीं के दम पर आपको उन अजनबी लोगों के बीच अपना स्थान बनाना है और वहीं ससुराल में आपके साथ होने वाले बर्ताव के आधार को सुनिश्चित करेगा। अक्सर देखने-सुनने में आता है कि कई लड़कियां भावावेश में बहकर या फिर यौवन के आकर्षण में आकर गलत जीवन साथी का चुनाव कर बैठती हैं। इसलिए जीवन साथी चुनते समय सबसे पहले तो यह याद रखें कि इस संबंध में आपका कोई भी निर्णय भावनाओं में बहकर नहीं लिया गया हो नहीं तो आपको आजीवन पश्चाताप करना पड़ेगा। यदि आप किसी को चाहती हैं तो उसे कई बार परख कर देखिए कि क्या वह भी आपको सचमुच चाहता है। आप जिसे जीवन साथी बनाना चाहती हैं उसमें गुणों की खान भी अवश्य ही होनी चाहिए। पहले तो यह जानिए कि वह करता क्या है? और क्या उसको मिलने वाला वेतन आप दोनों के सामान्य खर्चों को पूरा कर सकता है? यदि उसके किसी के साथ पहले से ही संबंध रहे हों तो आप उन संबंधों की गहनता के विषय में भी उससे खुलकर बात कर लें नहीं तो यह बात बाद में आपके दाम्पत्य जीवन को प्रभावित कर सकती है। जीवन साथी का चुनाव करते समय एक और बात ध्यान रखने योग्य होती है वह यह कि आप यह अवश्य देखिए कि क्या आप दोनों की सोच मिलती है? यदि हां, तो ठीक है, यदि नहीं तो फिर यह समझ लीजिए कि आप दोनों के बीच विभिन्न विषयों को लेकर मतभेद भी बाद में उजागर हो सकते हैं। आपका प्रेमी आपकी भावनाओं की कितनी कद्र करता है और आपके विचारों को कितनी महत्ता देता है, यह भी आपके लिए जानने वाली बात है। डेटिंग के दौरान यदि आपका प्रेमी किसी विवाह पूर्व संबंधों की बात करे तो आप तुरंत टाल जाएं और उससे शीघ्र विवाह के लिए कहें, ऐसे में यदि वह विवाह की बात टालता है तो आपको गंभीर होना पड़ेगा और यदि वह तुरंत हां भी कर देता है तो भी जरा संभलिए, परखिए कि कहीं यह क्षणिक आवेश वाला आश्वासन तो नहीं है। याद रखिए जमाना चाहे कितना भी बदल गया हो लेकिन स्त्री के चरित्र को आज भी प्रमुखता दी जाती है इसलिए आपको यह सदैव ध्यान रखना है कि आपके चरित्र पर लांछन न आने पाए।आपके जीवनसाथी की शैक्षणिक योग्यता आपसे ज्यादा नहीं तो आपके समकक्ष तो होनी ही चाहिए क्योंकि आज जमाना वह आ गया है जबकि बच्चों के स्कूल में दाखिले के समय मां-बाप के ज्ञान और शिक्षा स्तर को भी जांचा जाता है। वैसे भी यदि आपने स्वयं से कम शिक्षित या अधेड़ उम्र व्यक्ति से शादी कर ली तो बाद में आप इगो प्रॉब्लम की शिकार हो सकती हैं और ऐसे में बात इतनी आगे बढ़ जाती है कि पारिवारिक अशांति को तो बढ़ावा मिलता ही है साथ ही कभी-कभी तो तलाक की नौबत तक आ जाती है। याद रखें आज भी समाज में पुरुषों का दंभ कम नहीं हुआ है। पुरूषों के लिए विवाह और तलाक कोई परेशानी का सबब नहीं होते। तलाक की मार से अधिकतर महिलाओं को ही जूझना पड़ता है, इसलिए ये कह देने मात्र से कि आज महिलाएं अपने दम पर हैं होना ही महिलाओं के लिए काफी नहीं है। सुखद दाम्पत्य की पहली शर्त को मानना भी अनिवार्य है इसलिए महज भावनाओं में बहकर जीवन साथी चुनना उचित नहीं है। जीवन साथी चुनते समय यदि आप उपरोक्त बातों को ध्यान में रखें तो यह बात निश्चित रूप से कही जा सकती है कि आपके दाम्पत्य के गुलशन में फूल-ही-फूल खिले होंगे जो आपके जीवन को स्वर्ग बना देगा।

कोई टिप्पणी नहीं: