भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक-दूसरे के पर्याय माने जाते हैं। एक के बिना दूसरे की नहीं चलती। हालांकि, गाहे-बगाहे दोनों में खटपट भी सुनाई देती है। बीते दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर जिस प्रकार से संघ और भाजपा के कुछ नेताओं में टकराहट की खबरें सरेआम हुई, उससे संघ की साख पर मानो धक्का लगा। अब, नितिन गडकरी नहीं हैं, तो क्या हुआ राजनाथ सिंह हैं न! संघ किसी भी सूरत में भाजपा पर अपनी पूरी पकड़ रखना चाहता है। भाजपा, विश्व हिंदू परिषद और संघ के आला नेताओं के बीच राजधानी दिल्ली में हुई एक अहम बैठक में संघ ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि भाजपा ‘हिंदुत्व’ और ‘राम मंदिर’ जैसे मुद्दों से डिगेगी नहीं। अगले आम चुनाव में भी इन्हें जोर-शोर से उठाया जाएगा।
31 जनवरी को दिल्ली में भाजपा और विश्व हिंदू परिषद नेताओं की बैठक हुई, जिसमें संघ के भी कई दिग्गज मौजूद थे। आमतौर पर भाजपा नेताओं की बैठक में संघ का शीर्ष नेतृत्व नहीं होता, लेकिन विश्व हिंदू परिषद और भाजपा की समन्वय बैठक में संघ में नंबर दो कहे जाने वाले भैयाजी जोशी की मौजूदगी को सियासी गलियारों में कई दृष्टियों से देखा जा रहा है। इस बैठक में भैयाजी जोशी, सुरेश सोनी और दत्तात्रेय होशबोले जैसे दिग्गज संघ नेताओं की एक साथ मौजूदगी को गंभीर माना जा रहा है। साफ है कि संघ भाजपा में उन नेताओं को हावी होने देना नहीं चाहता, जो उसकी विचारधारा से इत्तेफाक नहीं रखते। दरअसल, नितिन गडकरी के दोबारा भाजपा अध्यक्ष न बन पाने स यह संदेश गया है कि भाजपा पर संघ की पकड़ कमजोर हुई है। यही वजह है कि बैठक में भाजपा को राम मंदिर जैसे एजेंडे पर दोबारा चलने की नसीहत दी गई है। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि भगवा आतंकवाद का मुद्दा राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है। गृहमंत्री शिंदे के बयान से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को धक्का लगा है। यह पार्टी नेताओं की संघ के साथ अनौपचारिक बैठक थी, जो हर तीन माह पर होती रहती है।
इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, विहिप नेता अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया मौजूद थे। हालांकि, कहा जा रहा है कि आडवाणी ने विचारधारा पर लौटने के सुझाव पर कोई आपत्ति नहीं की। संघ से जुड़े लोगों ने बताया कि इस बैठक में संदेश साफ था कि भाजपा का एजेंडा संघ ही तय करेगा। भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे मुद्दे अपनी जगह हैं, लेकिन ‘हिंदुत्व’ का मुद्दा छोड़ा नहीं जाएगा। क्या भाजपा अगले लोकसभा चुनाव में राम मंदिर का मुद्दा उठाएगी, भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हिंदुत्व हमेशा से हमारा मुद्दा है और मुद्दा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि 1989 में पालमपुर में भाजपा ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि राम मंदिर अयोध्या में बनाया जाना चाहिए। यह भाजपा, देश और दुनिया के करोड़ों हिंदुओं की मांग है।
बैठक में भाजपा की राजनीतिक योजना और चुनाव तक के महीनों के लिए रणनीति पर चर्चा की गई। हिंदू आतंकवाद, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और सांप्रदायिक हिंसा बिल जैसे मुद्दों पर रणनीति को अंतिम रूप देने पर चर्चा हुई। संघ से जुड़े संगठन देशभर में कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति से पर्दा हटाना जारी रखेंगे। बैठक में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के भगवा आतंकवाद के आरोपों का जवाब देने की रणनीति बनाई गई। साथ ही इस मुद्दे को देशव्यापी मुद्दा बनाने का फैसला किया गया। तय किया गया कि इलाहाबाद के महाकुंभ से अभियान की शुरुआत होगी। इसके अलावा राज्य इकाइयों में संघ, भाजपा और विहिप नेताओं के बीच बेहतर समन्वय और सौहार्द पर जोर दिया गया। दरअसल, यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी, क्योंकि पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दलों में चर्चाएं आजकल जोरों पर हैं। एनडीए के प्रमुख घटक शिवसेना ने भी साफ शब्दों में कह दिया है कि 2014 के आम चुनाव के लिए गठबंधन के उम्मीदवार का नाम जल्द तय करना होगा। इस बैठक में विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर मुद्दे को फिर से खड़ा करने को लेकर बैठक में एक ब्योरेवार रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में यूपीए सरकार के सांप्रदायिक हिंसा विधेयक का भी जिक्र था। गौर करने योग्य यह है कि विहिप कुंभ में संतों की बैठक करने जा रही है, जिसमें संघ के बड़े नेता भी शामिल होंगे। वहां गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। हालांकि, भाजपा फिलहाल इन दोनों मुद्दों पर खामोश है। जानकारों का कहना है जिस प्रकार से संघ और विहिप का दबाव भाजपा पर बढ़ रहा है, उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा एक बार फिर हिंदुत्व और राम मंदिर के मुद्दे को अपने अभियान से जोड़ सकती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें