सोमवार, 23 जनवरी 2012

कांग्रेसियों पर गिरी जूतों की सबसे ज्यादा गाज

देहरादून में यहां आज राहुल गांधी की सभा में एक शख्‍स ने मंच की तरफ जूता फेंका। इस घटना के बाद सभा में हंगामा मच गया। जूता फेंकने का आरोपी हिरासत में ले लिया गया है। कांग्रेस महासचिव ने इस घटना पर कहा कि वह जूता फेंकने से नहीं घबराते हैं। राहुल अपना सुरक्षा घेरकर तोड़कर जनता से भी मिले।


हिंदुस्तान की आवाम सियासत से कितनी तंग हो चुकी है, यह कभी जूते की शक्ल में तो कभी थप्पड़ के रूप में जम्हूरियत के सामने आ रही है। लेकिन सबसे जूते-थप्पड़ की मार हुकूमत चला रही कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर ही पड़ रही है।

पिछले बरसों में जितनी भी इस प्रकार की घटना घटी, उसमें सबसे अधिक हमले कांग्रेस और सहयोगी दलों के नेताओं पर ही हुए हैं। ताजा हमला कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी पर हुआ है। राहुल उत्तराखंड में जब चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे तब एक शख्स ने उन पर जूता फेंक दिया।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री शरद पवार पर भी हमला हो चुका है। सियासी विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस पर हमले की प्रमुख वजह उसका सत्ता में रहना है। जो भी सत्ता में रहेगा, उसे बढ़ती महंगाई, भष्ट्राचार जैसे मुद्दों की जिम्मेदारी लेनी होगी। लेकिन कांग्रेस के नेता इससे बचते रहे। यही वजह है कि सरकार से जुड़े नेताओं को लेकर देश में आक्रोश बढ़ रहा है।

देश की जनता में सरकार और कांग्रेस को लेकर कितना आक्रोश है, यह एक बार फिर से सामने आ चुका है। शरद पवार पर हमले से कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस की सरकार में वरिष्ठ मंत्री रह चुके सुखराम की भी पिटाई हो चुकी है। पूर्व संचार मंत्री सुखराम पर कोर्ट परिसर में ही एक युवक ने हमले की कोशिश की थी।

हमला उस वक्त हुआ, जब उन्हें घूस लेने के आरोप में पांच साल की कैद और चार लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई जा रही थी। हमले के वक्त सुखराम फैसला सुनने के बाद कोर्ट रूम से बाहर निकल रहे थे। हरविंदर सिंह नाम के हमलावर के पास कोई हथियार नहीं था और उसने लात-घूंसों से ही सुखराम पर हमले की कोशिश की थी लेकिन जल्द ही उसे काबू कर लिया गया।

जूते की मार से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी नहीं बच पाए हैं। प्रधानमंत्री पर उस समय रैली को संबोधित कर रहे थे। जूता प्रधानमंत्री के मंच से कुछ दूरी पर गिरा। इस घटना के बाद भी प्रधानमंत्री भाषण देते रहे। हितेश चौहान नामक युवक ने यह जूता फेंका था।

इतना ही नहीं, गृह मंत्री पी चिदंबरम की प्रेस कॉन्फ्रेस में एक पत्रकार ने उन पर जूता उछाल दिया था। उस वक्त चिदंबर जगदीश टाइटलर को सीबीआई की ओर से क्लीन चिट दिए जाने पर बोल रहे थे। ये पत्रकार उनसे संतुष्ट नहीं हुआ और विरोध करते हुए उनके ऊपर जूता फेंक दिया।

पिछले साल अप्रैल में कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले मामले में गिरफ्तार ऑर्गनाइजिंग कमिटी के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी पर सीबीआई कोर्ट के बाहर चप्पल फेंकी गई थी। हालांकि वह कलमाड़ी को लगी नहीं। कलमाड़ी पर जब चप्पल फेंकी गई, तब उन्हें सीबीआई कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। कपिल ठाकुर नामक शख्स ने उनपर चप्पल फेंकी थी।

कपिल मध्य प्रदेश के रहनेवाले हैं। कांग्रेसी नेता जर्नादन द्विवेदी पर एक पत्रकार ने जूता मारने की कोशिश की थी। उस वक्त द्विवेदी कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेस में मीडिया को संबोधित कर रहे थे।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान द्विवेदी से एक सवाल किया गया जवाब मिलने के बावजूद यह पत्रकार जूता लेकर मंच पर चढ़ गया और द्विवेदी को मारने की कोशिश की। इस पत्रकार की पहचान झुंझून राजस्थान दैनिक नवसंचार के संवाददाता के रूप में की गई है। बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया।

भाजपा के नेताओं पर भी हो चुका है हमलाः भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और युवा सांसद वरुण गांधी पर जूते-चप्पल से हमले हो चुके हैं। मध्यप्रदेश में अप्रैल 2009 में जब एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी दौरे पर थे, तब उन पर चप्पल चल गई थी।

घटना मध्य प्रदेश के कटनी में हुई थी। उस वक्त आडवाणी एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन पर चप्पल फेंकना वाला भाजपा का ही कार्यकर्ता पावस अग्रवाल था। इसी तरह, भाजपा के सांसद वरुण गांधी के रैली में न आने से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर जूते चप्पल फेंके और उन्हें काले झंडे दिखाए थे। घटना नवाबगंज तहसील की थी।


साभार : भास्कर

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