रविवार, 6 सितंबर 2015

दिग्गी की हुई अमृता

किसी भी पुरुष या स्त्री को किसी भी उम्र में परस्पर प्रेम करने का अधिकार है। प्रेम को किसी भी बंधन में नहीं बांधा जा सकता न उम्र में, न जाति या मजहब के बंधन में। प्रेम सिर्फ मन देखता है।



सुभाष चंद्र 

नेताओं के चरित्र पर कई तरह के सवाल उठते रहे हैं। कभी उनके आर्थिक गड़बड़ियों के लिए तो कई उनके वैयक्तिक जीवन को लेकर। नेताओं के विवाहेत्तर संबंध में हमेशा से सुर्खियों में छाए रहे हैं। यूं तो दुनिया में कई प्रेम विवाह होते हैं, लेकिन यह कुछ हटकर होगा जिसका कारण है इस विषय में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का होना और दूसरा उनकी 67 साल की उम्र और आखिर में उनकी पत्नी का स्वर्गवास होने के बावजूद वह प्रेम संबंध में पड़ गए। बमुश्किल एक साल ही हुआ और उन्होंने दोबारा शादी कर ली। मई, 2014 में प्रेम सरेआम हुई और योगेश्वर कृष्ण की जन्मदिवस के एक दिन बाद 6 सितंबर, 2015 को अमृता राय ने अपने फेसबुक पर स्टेटस अपडेट किया, ‘मैंने और दिग्विजय सिंह ने हिंदू रिति रिवाज से शादी कर ली है।’
जब बात नेता और पत्रकार की हो, तो सुर्खियों में रहना लाजिमी है। लिहाजा, जब बीते साल मई महीने यानी 2014 में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और टीवी पत्रकार अमृता राय की प्रेम कहानी की खबरें सरेआम हुई और बाद में इसकी स्वीकारोक्ति हुई, तो सोशल साइटस ट्विटर पर यह टॉप ट्रेंड बन गया था। उल्लेखनीय है कि सोशल साइट ट्विटर पर जो विषय सबसे ज्यादा चर्चित होते हैं, उन्हें टॉप ट्रेंडिंग लिस्ट में रखा जाता है। गूगल पर 5 लाख लोगों ने इस प्रेम कहानी को सर्च किया था। इसके अलावा फेसबुक और इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी कांग्रेस नेता और पत्रकार के संबंध उजागर होने का मामला लगातार टॉप पर है। इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि अपनी पत्नी अमृता और दिग्विजय सिंह के रिश्ते को लेकर सोशल मीडिया में मची हलचल पर प्रोफेसर आनंद प्रधान ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने फेसबुक पर लिखा,यह मेरे लिए परीक्षा की घड़ी है। मैं और अमृता लंबे समय से अलग रह रहे हैं। सहमति से तलाक के लिए आवेदन किया हुआ है। हमारे बीच संबंध बहुत पहले से खत्म हो चुके हैं। अलग होने के बाद अमृता अपने बारे में कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं। उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं। 
सच तो यह है कि कांग्रेस महासचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। हर पखवाड़ा और हर माह वह सुर्खियों में रहते हैं। मानो उनका यह सबसे प्रिय शगल हो। बीते साल दिग्गी बाबू ने अपने प्यार को ट्विटर के जरिए दुनिया के सामने रखा था। दूसरों के निजी जीवन में झांकने वाले दिग्गी बाबू ने खुद ही अपने निजी जीवन की किताब को दुनिया भर के सामने खोलकर रख दिया। दिग्विजय सिंह ने खुलेआम ट्विटर पर अपने पिछले कुछ समय से टीवी एंकर अमृता राय के साथ प्रेम संबंधों का खुलासा किया। उस समय उन्होंने दावा किया था कि वे जल्द ही अमृता के साथ शादी के बंधन में बंधेंगे।
हालांकि, इस दावे को हकीकत तक आते-आते साल भर का समय लग गया। प्रेम करने वालों के राधाकृष्ण से बढ़कर कोई उपमा या उपमेय नहीं होता है, लिहाजा श्रीकृष्णाटमी के अगले दिन अमृता ने अपने दूसरे प्यार को पति के रूप में सार्वजनिक कर दी। 
बता दें कि दिग्विजय सिंह की ‘लेडी लव’ अमृता राय जानी-मानी पत्रकार हैं। वे एनडीटीवी न्यूज चैनल में एंकर थीं, फिर उन्होंने जी न्यूज ज्वाइन किया। इन दिनों वे राज्य सभा टीवी में बतौर सीनियर एंकर काम कर रही हैं। ट्विटर पर अपने रिश्ते को कबूल करने के बाद अमृता ने यह भी कहा था कि उनका ई-मेल हैक कर लिया गया है। इस बीच एक शादीशुदा महिला पत्रकार के साथ संबंधों की स्वीकारोक्ति पर भाजपा की ओर से कहा गया था कि यह नैतिकता का प्रश्न होने के साथ अपराध की श्रेणी में आता है और इसके लिए उन्हें सजा भी हो सकती है। भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने उस समय कहा था कि गुप्त विवाह संभव नहीं है। दिग्विजय पर व्यंग्य करते हुए उन्होंने कहा था कि नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले ने नैतिकता की नई परिभाषा गढ़ी है। लेकिन, अब जबकि अमृता ने पूरे हिंदू रीति-रिवाज से शादी होने का एलान कर दिया, तो भला कोई क्या कर सकता है?
मटुक चैधरी और जूली के बाद दिग्विजय सिंह दूसरे व्यक्तित्व बनकर सामने आए हैं। बताया जाता है कि अमृता अजीब किस्म की महत्वाकांक्षा की असीम विकृति का शिकार रहीं हैं। वे एक साधारण एंकर थीं। राज्य सभा टीवी में आते ही उनका रवैया बदलने लगा। अमृता का हाव भाव सामान्य एंकर की तरह नहीं था। धीरे-धीरे उनका प्रोमोशन होता गया, वो यात्राएं करने लगीं, नेताओं का साक्षात्कार लेने लगीं और अपने को शायद स्टार मानने लगीं। आनंद प्रधान से अलग होने की सोच के पीछे उनकी स्टार बन जाने और सत्ता के शीर्ष पर संबंध होने की मानसिकता की प्रमुख भूमिका रही है। कई लोगों का कहना है कि अगर एक ओर महत्वाकांक्षा का खिंचाव है और दूसरी ओर किसी खूबसूरत, जवान और पढ़ी लिखी संगिनी के साथ आलिंगबद्ध होने तथा जीने की कामना। समाज को इसका विरोध करना चाहिए...

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