tag:blogger.com,1999:blog-4867640855538739557.post5640600627164498787..comments2023-11-05T12:52:50.625+05:30Comments on देख कबीरा: समाधि से भोग का मार्गकुन्दन कुमार मल्लिकhttp://www.blogger.com/profile/03699865603391260097noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4867640855538739557.post-78356831714138921902010-05-20T16:41:06.535+05:302010-05-20T16:41:06.535+05:30बहुत सही कहा आपने
सच तो यह भी है कि आजकल धर्म के ...बहुत सही कहा आपने<br /><br />सच तो यह भी है कि आजकल धर्म के साथ योग जोड़कर कुछ बाबाओं ने योग की मल्टीनेशनल कंपनी खड़ी कर ली है। प्रचीन काल से योग भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। स्वयं श्रीकृष्ण को बहुत बड़ा योगी कहा जाता है। हमारे देश में महान योगी संत हुए हैं, लेकिन योग का जैसा बाजारीकरण आज हो रहा है,<br /><br />उत्तम आलेख !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.com