शनिवार, 21 जनवरी 2012

सौराठ में खुलेगा मिथिला पेंटिंग प्रशिक्षण संस्थान


सेवा यात्रा के तीसरे दिन जितवारपुर से रांटी पद्मश्री महासुन्दरी देवी के घर पहुंच मुख्यमंत्री ने सौराठ में मिथिला पेंटिंग प्रशिक्षण संस्थान खोलने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संस्थान का निर्माण बिहार सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा कराया जाएगा। सौराठ के इस संस्थान को विश्वविद्यालय का दर्जा भी दिया जाएगा। यहां मिथिला पेंटिंग सीखने व प्रशिक्षण लेने वाले कलाकारों को संस्थान की ओर से प्रमाण पत्र भी दिए जायेंगे जिसकी मान्यता सभी क्षेत्रों में होगी। करोड़ों की लागत से 10 एकड़ में बनने वाले इस पेंटिंग प्रशिक्षण संस्थान के खुल जाने से मिथिलांचल में रोजगार सृजन के अच्छे अवसर मिलने लगेंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मधुबनी पेंटिंग न सिर्फ मिथिलांचल का मान बढ़ाई है बल्कि इससे प्रदेश व देश भी गौरवान्वित हुआ है। उन्होंने कहा कि मधुबनी पेंटिंग से मुझे भावनात्मक जुड़ाव है। सौराठ का जब यह संस्थान बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां के कलाकारों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। बिचौलिया जो इस विधा पर भी हावी हैं वे कहीं दिखाई नहीं देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मधुबनी पेंटिंग को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्थापित करने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। सौराठ का जब यह प्रशिक्षण केन्द्र काम करने लगेगा तब यहां देश और विदेश के लोग सिर्फ पेंटिंग देखने ही नहीं खरीदने भी पहुंचेंगे। मधुबनी पेंटिंग को अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर सम्मान तो मिलेगा ही कलाकारों को उचित मूल्य भी प्राप्त होगा। उन्होंने कहा सरकार पूर्व में ही मधुबनी प्रशिक्षण केन्द्र खोलने का निर्णय ले चुकी है लेकिन भूमि को लेकर इसकी घोषणा नहीं की गई थी। अब सौराठ में सरकार को जमीन उपलब्ध हो गया है जहां शिक्षा विभाग द्वारा संस्थान का शीघ्र निर्माण प्राप्त हो जाएगा। इस संस्थान में वह सभी सुविधा उपलब्ध रहेगी जो एक विश्वविद्यालय में रहता है। इसे अत्याधुनिक संस्थान बनाया जाएगा और मैथिल ललनाओं को जिसे इस विधा से लगाव है उन्हें प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर प्रदान किए जायेंगे।

मुख्यमंत्री मिथिला को पूरे देश में सम्मान दिलाने वाली पद्मश्री महासुन्दरी देवी के साथ बैठकर उनसे विस्तृत जानकारी भी प्राप्त की। वे मधुबनी पेंटिंग से जुड़ी अन्य तथ्यों को भी महासुन्दरी देवी व उनके परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर विचार-विमर्श किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार परिसदन से जितवारपुर पहुंचकर पद्मश्री स्व. सीता देवी, जगदम्बा देवी, चानो देवी सहित जितवारपुर गांव के दर्जनों घर में जाकर मधुबनी पेंटिंग को देखा और कलाकारों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। जितवारपुर जहां वृहत पैमाने पर मधुबनी पेंटिंग का निर्माण होता है वहां पहुंच मुख्यमंत्री अभिभूत दिख रहे थे। देर शाम वे रांटी ड्योढ़ी के बगीचा स्थित उस भवन पर भी गए जहां जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा कई सामानों का निर्माण किया जा रहा है। वे इस कार्यालय के निरीक्षण व कलाकारों द्वारा निर्मित सामानों को देखकर खुश तो थे ही इसे और बेहतर करने का सुझाव महिलाओं को दी। महिलाओं द्वारा उन्हें कई ऐसे सामान भी दिखाए गए जो मिथिलांचल में प्रसिद्ध है। मुख्यमंत्री का यह अंतिम कार्यक्रम था। वे तकरीबन 7 बजे रांटी से चलकर परिसदन पहुंचे।

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