सोमवार, 26 अक्तूबर 2009

कांग्रेस की कारस्तानी

कांगे्रस का हाथ, गरीब आदमी के साथ। यही नारा है कांग्रेस का। विशेषकर चुनावों के मौसम और प्रदेशों में तो और भी। लेकिन वह आम आदमी की कितनी फिक्र करती है? लोकसभा चुनाव से पूर्व जिस वस्तु की कीमतें कुछ कम थी, उसमें जैसे आग लग आई है। चीनी तीस रुपए के पार तो आलू बीस रुपए के पार? पेट्रोल और डीजल की तो पूछिए ही मत?
अब, तीन प्रदेशों में कांगे्रस के हाथ में सत्ता क्या आई, दिल्ली की कांग्रेस सरकार ने 'आम आदमीÓ की जरूरत से अधिक फिक्र की। चौंकिए मत? जिस प्रकार से तत्काल प्रभाव से दिल्ली की कांग्रेस सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम के बसों के किराए को तत्काल प्रभाव से बढ़ाया, उससे तो यही लगता है न कि यह सरकार आम आदमी का ख्याल रख रही है। आखिर बेहतर सुविधा जो मिलेगी? बसों के किराए 3,5, 7 और 10 रुपए थे, जो 5, 10 और 15 रुपए ही तो किए गए हैं। आम आदमी की जेब का ख्याल किसी को नहीं, लेकिन उन्हें बेहतर सुविधा के लिए कृतसंकल्पि है दिल्ली की कांग्रेसी सरकार। अब तो ब्लू लाइन वाले भी यही वसूलेंगे, आखिर वे तो सरकार का नियम-कानून पालन करेंगे ही न?? इतना ही नहीं, ऑटो किराया किस कदर कुलांचे मारता है, वह भी देखिए... और वृद्घि के लिए झारखण्ड के विधानसभा चुनावों की प्रतीक्षा करिए।

3 टिप्‍पणियां:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

कौंग्रेस का हाथ
हरदम आपके पर्स के साथ !

arvind ने कहा…

bilkul sahi likha aapne,mehgai ke mamle me sarkar fail ho rahi hai.

sanjay ने कहा…

bahut badhiya. lage rahiye.
sanjay from nagpur